कोयले को ऊर्जा उत्पादन, स्टील-निर्माण, सीमेंट निर्माण और तरल ईंधन का उत्पादन करने में इस्तेमाल किया जाता है।
U.S. कोयला भण्डारों की प्रचुरता को देखते हुए यह मानना तर्कसंगत है कि भविष्य में विश्व की ईंधन जरूरतों को पूरा करने के लिए कोयले से प्राप्त ईंधन एक बड़ी भूमिका निभा सकता है। कोयले से तरल ईंधन उत्पादन की प्रमुख प्रोद्यौगिकियां (कोयला से तरल या CTL के रूप में भी संदर्भित किया जाता है) प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष द्रवीकरण हैं, लेकिन ये विधियां इतनी कुशल नहीं हैं जितना इन्हें होना चाहिए।
अप्रत्यक्ष या प्रत्यक्ष द्रवीकरण
- अत्यंत बड़ी पूंजी के प्रयास हैं
- विशाल मात्रा में पानी की खपत करते हैं, और
- बड़ी मात्रा में CO2 और अन्य प्रदूषक पैदा करते हैं।
अधिक कुशल समाधान नजर में हैं।
कोयले से तरल ईंधन उत्पादन के लिए नई, कम पूंजी की आवश्यकता की प्रोद्यौगिकी विकिसित करने की जरूरत है जिससे निम्न CO2 उत्सर्जन हो और विशाल मात्रा में पानी की आवश्यकता नहीं हो। COLDFALL वर्तमान परिदृश्य की स्थिति में एक आशाजनक विकल्प विकसित कर रहा है।